ये दर्द का सिलसिला कुछ यूँ चलता जाता है ....
वो हमसे छुपाते रहते है , हम उनसे छुपाते रहते है....
गम का खज़ाना बढ़ता जाये ये दिल कि खवाहिश क्या कहना
बस बक्त गुज़रता जाता है और बेइमानिओ का ये दौर यूँ ही चलता जाता है...
--- गोविन्द गुप्ता
कानपूर ,२१-०१-२०१४
वो हमसे छुपाते रहते है , हम उनसे छुपाते रहते है....
गम का खज़ाना बढ़ता जाये ये दिल कि खवाहिश क्या कहना
बस बक्त गुज़रता जाता है और बेइमानिओ का ये दौर यूँ ही चलता जाता है...
--- गोविन्द गुप्ता
कानपूर ,२१-०१-२०१४
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