Saturday, 30 November 2013

चुनाव

दोस्तों आपसे एक सवाल है। ……
क्या संसदीय चुनाव और विधानसवा चुनाव एक होते है ? क्या उनके मुद्दे एक हो सकते है। .
अगर हां तो कैसे ?
और ना तो फिर किसी बहकावे में क्यों आये ?
क्या हमें इनसे बचना चाहिए ?
अपने वोट का उपयोग सोच - समझ केर करिये। ....
धन्यवाद

Sunday, 24 November 2013

पहली बात .....

सदियो की लिखने की परंपरा को तोड़ता ये ब्लॉग सिस्टम निहायत ही एक नया अनुभव है. खास करके लोगो तक अधिकाधिक पहुँच वाला ये  ब्लॉग सिस्टम लोगो को अपनी बात समाज के सामने रखने का अवसर प्रदान करता है। तो ये तकनीक बधाई का पत्र है।

" खिड़की " यही नाम क्यों इस ब्लॉग का ? तो मै आपको बताना चाहता हूँ  खिड़की  एक संभावनाओ का द्वार है ,जो  भूत - भविष्व  दोनों में खुलती है।  फिर आप जो खोलना चाहे।  भविष्व कि संभावनाओ को तलाशने के साथ ही साथ भूत का मंथन भी ज़रूरी है तभी हम एक अस्थायी और समय कि कसौटी पर खड़ा होने वाला विचार -धरा नियत केर सकते है। ब्लॉग के नाम का दूसरा भाग भूत की  कसौटी पे भविष्व को जाचने का जरिया भर है।

मुद्दे बहुत है। नयी जगह पे नए लेखक कि सम्भावनाये भी बहुत है, तो फिर बात करते है कभी तसल्ली से … आज के लिए इतनाही।
धन्यवाद 

Saturday, 23 November 2013

पहली पोस्ट......

एक नयी जगह मुझे मिली है,  और मै  आगे बहुत ही आशान्वित हूँ।